Jeremiah 31:31-34

31“यह देख लेना, वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है,
“जब मैं इस्राएल वंश के साथ
तथा यहूदिया वंश के साथ
एक नयी वाचा स्थापित करूंगा.
32उस वाचा के सदृश नहीं,
जो मैंने उस समय उनके पूर्वजों के साथ स्थापित की थी,
जब मैंने उनका हाथ पकड़कर
उन्हें मिस्र देश से उनका निकास किया था,
यद्यपि मैं उनके लिए पति-सदृश था,
उन्होंने मेरी वाचा भंग कर दी,”
यह याहवेह की वाणी है.
33“किंतु उन दिनों के बाद इस्राएल वंश के साथ मैं
इस वाचा की स्थापना करूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
“उनके अंतर्मन में मैं अपना व्यवस्था-विधान संस्थापित कर दूंगा
तथा उनके हृदय पर मैं इसे लिख दूंगा.
मैं उनका परमेश्वर हो जाऊंगा,
तथा वे मेरी प्रजा.
34तब हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को, हर एक व्यक्ति अपने सजातीय को पुनः
यह कहते हुए यह शिक्षा नहीं देने लगेगा, ‘याहवेह को जान लो,’
क्योंकि वे सभी मुझे जान जाएंगे,
छोटे से बड़े तक,”
यह याहवेह की वाणी है.
“क्योंकि मैं उनकी पापिष्ठता क्षमा कर दूंगा
तथा इसके बाद उनका पाप मैं पुनः स्मरण ही न करूंगा.”
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